राजस्थान का इतिहास नोट्स
राजस्थान का इतिहास
राजपूतों की उत्पत्ति
राजपूत काल सातवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी
अग्निकुंड का सिद्धांत
पृथ्वीराज रासो – चंद्रवरदाई
- इस पुस्तक में राजपूतों की उत्पत्ति का अग्निकुंड सिद्धांत दिया गया है उसके अनुसार ऋषि वशिष्ठ के माउंट आबू में किए गए यज्ञ से चार योद्धा उत्पन्न हुए
- परमार
- प्रतिहार
- चालुक्य
- औरचौहान
- इस सिद्धांत का समर्थन सूर्यमल मिश्रण और मुंहनोत नैणसी ने किया
- पृथ्वीराज रासो पिंगल भाषा में है
- इसे जल्हण ने पूरा किया था
किराडू का लेख – बाड़मेर
- इसके अनुसार भी राजपूतों की उत्पत्ति अग्निकुंड से हुई
- नोट – किराडू स्थान जैन मंदिरों के लिए विख्यात है
- किराडू को “राजस्थान का खजुराहो” भी कहते हैं
ब्राह्मण वंशीय मत –
- बिजोलिया शिलालेख – इस लेख में चौहानों के ब्राह्मण वंशीय होना बताया गया है
- कुंभलगढ़ प्रशस्ति ( राजसमंद ) – इस प्रशस्ति में बप्पा रावल को विप्र वंशी बताया गया है
- कायम खां रासो – जान कवि – इस पुस्तक में भी चौहानों को ब्राह्मण वंशीय बताया गया है
सूर्यवंशीय मत –
- हम्मीर महाकाव्य – नयन चंद्र सूरी – इस पुस्तक में चौहानों को सूर्यवंशी बताया गया है
- हरिकेलि नाटक – विग्रहराज चतुर्थ इसमें भी चौहानों को सूर्यवंशी बताया गया है
प्रश्न –
- किस इतिहासकार ने राजपूतों को उनकी संतान बताया ?- वीएस स्मिथ
- समुद्रगुप्त को भारत का नेपोलियन किसने कहा ? – वीएस स्मिथ
- किस इतिहासकार ने राजपूतों को वैदिक आर्यों की संतान बताया ?- गौरीशंकर हीराचंद ओझा
- किस इतिहासकार ने यूची (कुषाण जाति) वंशीय बताया ?- कनिंघम
- किस इतिहासकार ने राजपूतों को शक व सीथियन का वंशज बताया ?- कर्नल जेम्स टॉड
- राजस्थान का ऐसा राजवंश जो अपने आप को चंद्रवंशी मानता है ? – जैसलमेर का भाटी राजवंश